कैथल

 

कैथल

  • हरियाणा कि छोटी काशी
  • कैथल को गुरुद्वारों का शहर भी कहा जाता है।

• स्थापना – 1 नवंबर 1989
• लिंगानुपात – 881
• साक्षरता दर – 69.15 प्रतिशत
• क्षेत्रफल – 2317 वर्ग किलोमीटर
• जनसंख्या – 10 लाख 73 हजार तीन सौ चार
• जनसंख्या घनत्व – 464 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर
• मुख्यालय – कैथल
• उपमंडल – कैथल, गुहला, कलायत
• तहसील – कैथल, गुहला, कलायत फतेहपुरपुंडरी
• उप-तहसील – राजौंद, ढांड, सीवन
• खंड – गुहला स्थिति चीका, कैथल, पुंडरी, कलायत, राजौंद, सीवन

नामकरण
ऐसा माना जाता है कि कैथल का नाम यजुर्वेद कथा संहिता के रचयिता कपिल ऋषि के नाम पर पड़ा होगा। इसलिए इसे कपिल मुनि की नगरी के नाम से भी जाना जाता है।
पुराणों के अनुसार इसकी स्थापना युधिष्ठिर के द्वारा की गई थी। जिसका प्राचीन नाम कपिल स्थल था।

इतिहास
कैथल जिले को 1 नवंबर 1989 को कुरुक्षेत्र जिले से काटकर बनाया गया था।
कैथल-करनाल मार्ग पर स्थित मुंदड़ी गांव में लव-कुश महातीर्थ के कारण भी कैथल की एक अलग पहचान है।
मुंदरी – यह कैथल का एक प्रसिद्ध गांव है जहां पर संस्कृत विश्वविद्यालय प्रस्तावित है। इस गांव में लव-कुश महातीर्थ भी स्थित है।
राधा कृष्ण सनातन धर्म कॉलेज – यह कालेज कैथल का सबसे पुराना कॉलेज है। जो सन् 1954 में स्थापित हुआ था। इसके अलावा यहां की राष्ट्रीय विद्या समिति ने सन 1970 में महिलाओं के लिए इंदिरा गांधी महिला महाविद्यालय की भी नीव रखी।
NELM यूनिवर्सिटी – इसकी स्थापना सन् 2011 मे कि गई। नॉर्थन इंस्टीट्यूट लर्निंग मैनेजमेंट इंटीग्रेटेड।
सरस्वती वन्य जीव अभ्यारण – यह अभ्यारण 4400 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इसकी स्थापना जुलाई 1988 में की गई थी। इसे सोनसर अभ्यारण भी कहा जाता है। यहां काले हिरण पाए जाते हैं।

महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल
1. रजिया सुल्तान का मकबरा – कैथल नगर के निकट पश्चिम दिशा में संगरुर रोड पर भारत की समरा्ज्ञी रजिया सुल्तान का मकबरा है। इल्तुतमिश की पुत्री रजिया और उसके पति का कत्ल उसी के सरदारों के द्वारा 13 नवंबर 1240 ई. को कैथल के निकट कर दिया गया था। अकबर ने इस मकबरे का दोबारा से निर्माण करवाया था।
2. मीरा नौबाहर पीर की मजार, गुहला चीका – गुहला चीका बाबा मीरां नौबहार पीर की मजार 960 वर्ष पुरानी बताई जाती है। बाबा मीरां के आठ भाई थे, जिनमें बाबा मीरां सबसे बड़े थे, जिस कारण से ईन्हें बड़ा पिर भी कहा जाता है।
3. अंजली का टीला – यह टीला अंजनी मां को समर्पित है।
4. बिंदक्यार झील – इस झील का वर्णन वामन पुराण के अंदर है। प्राचीन काल में इस जगह का नाम वृद्ध केदार तीर्थ था।
5. बिक्र बावड़ी – यह ईटों की बनी बावड़ी है।
6. प्राचीन टिला बालू
7. अरनौली का किला।
8. शेख तैयब का मकबरा
9. बाबा शामक शाह की मजार

कैथल के प्रमुख मंदिर व गुरुद्वारे
1. नवग्रह कुंड- कैथल की पुरातन तीर्थों में नवग्रह कुंडों का विशेष महत्व है। महाभारत के समय भगवान श्रीकृष्ण ने नवग्रह यज्ञ का अनुष्ठान धर्मराज युधिष्ठिर के हाथों से करवाकर नवग्रह कुंड का निर्माण करवाया था। इन कुंडों में स्नान के महत्व के कारण कैथल को छोटी काशी भी कहा जाता है।

यह नवग्रह कुंड ईस प्रकार से हैं –
A. सूर्य कुंड,
B. चंद्र कुंड,
C. मंगल कुंड,
D. बुध कुंड,
E. बृहस्पति कुंड,
F. शुकर् कुंड,
G. शनि कुंड,
H. राहु कुंड और
I. केतु कुंड

2. गीता मंदिर – पुंडरीक तीर्थ पर जाते समय मरदाने घाट के साथ बने विशाल चबूतरे के पास ही यह विशाल गीता मंदिर स्थित है।
3.ग्यारह रुद्री शिव मंदिर – इस मंदिर में महाभारत काल में अर्जुन ने शिव को प्रसन्न कर उनसे पाशुपतास्त्र प्राप्त किया था। इस मंदिर के वर्तमान भवनों का निर्माण लगभग 250 वर्ष पहले तत्कालिक शासक उदय सिंह की पत्नी ने करवाया था।
4.अंबकेश्वर महादेव मंदिर – कैथल में स्थिति अबंकेश्वर महादेव मंदिर की गिनती अति प्राचीन मंदिरों में की जाती है। यहां स्थित शिव लिंग को पातालेश्वर और स्वयं लिंग भी कहा जाता है।
5.पुंडरीक सरोवर – ऐसा कहा जाता है कि सतयुग से लेकर आज तक इस सरोवर का पानी समाप्त नहीं हुआ है। यहां पर एक शिव मंदिर व ठंडीपुरी की समाधि भी स्थित है। 28 मार्च 1987 को कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के द्वारा यहां पर नवग्रह कुंड का निर्माण करवाया गया। इसका नाम पुंडरीक ऋषि के नाम पर पड़ा है, जिनकी यह तपस्थली मानी जाती है। पुडरीक तीर्थ के पावन तट पर नवीकृत नवग्रह कुंड का निर्माण करवा कर 28 मई सन 1987 को ईसे जनता को समर्पित कर दिया गया।
A. गुरुद्वारा नीम साहिब
B. गुरुद्वारा मंजी साहिब
6. राधे श्याम का मंदिर
7. पुराना शिव पार्वती मंदिर
8. कौल धार्मिक स्थल
9. टोपियो वाला गुरुद्वारा

कैथल के प्रमुख मेले
1. फल्गु का मेला
2. पुंडरीक का मेला
3. देहाती मेला
4. 52 दादस का मेला

प्रमुख नदियां – सरस्वती और घग्घर
नेशनल हाईवे – कैथल से NH 152 गुजरता है जो अंबाला से पाली की तरफ जाता है।

कैथल के प्रमुख व्यक्ति
1. मनोज कुमार बॉक्सर – इनका जन्म 10 दिसंबर 1986 को हुआ था। इन्होंने गोल्ड कोस्ट 2018 मे कांस्य पदक जीता था।
2. कवल हरियाणवी
3. बलवंत सहगल
4. ममता सौदा

कैथल की कुछ महत्वपूर्ण खास बातें
1. कैथल को हनुमान का जन्म स्थान भी माना जाता है। (हनुमान का वास्तविक नाम मारुति था।)
2. कपिल मुनि का आश्रम कैथल के कलायत में स्थित है।
3. यहां पर एक धरेडु गांव स्थित है जिसे हरियाणा की छोटी इटली कहा जाता है। (इटली देश की गंगा पो नदी को कहा जाता है।)
4. कैथल के अंदर 1857 का विद्रोह गुलाब सिंह, साहिब कौर और सूरज कौर के नेतृत्व में किया गया था।
5. कपालमोचन तथा सोमसरोवर का वर्णन स्कंद गुप्त पुराणों में मिलता है।
6. कैथल में बने मंदिरों का वास्तु-शास्त्र अजंता व एलोरा की गुफाओं से मेल खाता है।
7. सबसे ज्यादा चावल की किस्में कैथल में ही होती हैं। – 98 किस्में
8. मोहनसिंह मंडार ने 1530 ई. में बाबर के विरुद्ध विद्रोह कैथल में ही किया था।
9. कैथल में मंदिर व गुरुद्वारों का नगर सिवन गांव को कहा जाता है क्योंकि यहां पर 7 मंदिर, 4 गुरुद्वारे व 12 मस्जिद है।
10. नवग्रह पिंड को 1987 में देवीलाल ने आम जनता के लिए खोल दिया था।

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